ठुमरी

सावन ह आगे तैं आ जा संगवारी
झटकुन नइ आए तव खाबे तैंगारी।
नरवा अउ नदिया म ह आए हे
मोर मन के झूलना बादर म टंगाए हे।
हरियर-हरियर हावय भुइयॉं महतारी
झटकुन नइ आए तव खाबे तैं गारी।
बड़ सूना लागत हे सावन म अंगना
अगोरत हे तोला ए चूरी ए कंगना।
सुरता ह ठाढे हावय धर के आरी
झटकुन नइ आए तव खाबे तैं गारी।
सावन ह आगे तैं आ जा संगवारी
झटकुन नइ आए तव खाबे तैं गारी।

शकुन्तला शर्मा
288/7 मैत्रीकुँज भिलाई 490006
अचल 0788 2227477 चल 09302830030

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3 Thoughts to “ठुमरी”

  1. PALESHWAR KUMAR SAHU

    bahut badhiya koshish haway….. jammo jhan la mil k kam kare la padhi…. jai chhattisgarh

  2. बने लागिस . रचना बघाई के पात्र हे

  3. Yashpal Janghel

    Bane lagis

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